सिर
हिलाकर नमस्कार करने वाले अहंकारी होता है और हमेशा अपनी बात साबित करने
की कोशिश करता है। ऐसा व्यक्ति बात को बढ़ाकर और ज्यादा फैलाता है। उनका
रवैया स्वार्थी, कंजूस है। वे व्यंग्यात्मक भाषा बोलते हैं, और दूसरों की
भावनाओं को आहत करते हैं। वे अपनी बातों पर विश्वास नहीं करते हैं इसलिए
वे जल्दी से अपने शब्दों को बदल लेते हैं। ऐसे लोगों से दूर रहना ही बेहतर
है।
नमस्कार:2: भावात्मक नमस्कार::
इस
प्रकार से नमस्कार करने वाला व्यक्ति दृढ़ मन वाला, धार्मिक होता है।
उनका अटूट विश्वास, विश्वास है। उनका उत्कृष्ट चरित्र है। वे संस्कृति और
समाज के रक्षक हैं। वे दूसरों की बात को गुप्त रख सकते हैं। वह अपना
जीवन गरिमा और नम्रता के साथ जीते हैं। वे दूसरों के लिए आदर्श होते हैं।
वे दूसरों के लिए प्रेरक हैं। ऐसे व्यक्ति के साथ अधिक संबंध रखने की
सलाह दी जाती है।
नमस्कार:3: सिरसे ऊपर हाथ खींचकर रखकर नमस्कार::
कुछ
लोग सिरसे ऊपर हाथ खींचकर रखकर प्रणाम करते हैं। आपने मुंह में राम और
बगल में चाकू की कहावत तो सुनी ही होगी। इस प्रकार नमस्कार करनेवाले
लोगोंके मुंह में मेढ़ा और बगल में चाकू होता है। वे वही हैं जो अपना काम
दूसरों से करवाते हैं। वे अभिमानी, पाखंडी और कपटी हैं। वे दूसरों को बलि
का बकरा बनाने में माहिर हैं। वे अपने पद, शक्ति और कौशल का दुरुपयोग
करके समाज और देश को नुकसान पहुंचा सकते हैं।